Ad Details
Ad ID: 7667
Added: December 11, 2016
Views: 995
Description
हिंदुओं के धार्मिक स्थलों में से एक है हरिद्वार। हरिद्वार, हरिद्वार जिला, उत्तराखंड, भारत में पवित्र नगर और नगर निगम बोर्ड हैं। उत्तराखंड, का यह शहर टूरिस्टों के लिए कम दर्शनायात्रियों से ज्यादा भरा रहता है। हरिद्वार को ‘हरी का द्वार’ भी कहा जाता है। यानी ‘भगवान् की शरण’ भी कहा जाता है। हरिद्वार हिंदुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। समुद्रतल से 3139 मीटर की ऊँचाई पर स्थित अपने स्त्रोत गौमुखि; गंगोत्री हिमनद से 253 किमी. की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार के मैदानी क्षेत्रों में आती है, इसलिए हरिद्वार को ‘गंगाद्वार’ के नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ है, वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है, जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गई, जब खगोलीय पक्षी गरुड़ उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। गंगा नदी के तट पर शास्त्रविधि से स्नान इत्यादि करते हैं। वह स्थान जहाँ पर अमृत की बूँदे गिरी थी, उसे हर-की-पौड़ी पर ब्रह्म कुंड माना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘ईश्वर के पवित्र पग’। हर-की-पौड़ी, हरिद्वार के सबसे पवित्र घाट माना जाता है और पूरे भारत से भक्तों और तीर्थयात्रियों के जत्थे त्योहारों या पवित्र
दिवसों के अकसर पर स्नान करना मोक्ष प्राप्त करने के लिए आवश्यक माना जाता है।
भूमि हरिद्वार जहाँ से ‘पतित पावनि पाप नाशनि’ गंगा पर्वतों को छोड़ धरती पर आती है। इस शहर की हवा में सोंधी सी खुशबू है। दूर से दिखते अडिग पर्वत, कलकल कर के बहती पवित्र गंगा, दूर-दूर से आए श्रद्धालु और चारों ओर गूँजते गंगा मईया के जयकारे। ये रमणीय दृश्य आँखों के द्वारा से होता हुआ सीधा मन में बस जाता है।
यहाँ हर रोज एक त्योहार होता है। माँ गंगा का त्योहार! सूर्योदय के स्नान से लेकर शाम की आरती तक हर एक क्षण एक त्योहार है। हर रोज हजारों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से यहाँ गंगा दर्शन के लिए आते है और गंगा में स्नान कर के जन्म-जन्म के पापों से मुक्त हो जाते हैं। देवभूमि हरिद्वार में कई अति मनोरम मंदिर व दर्शनीय स्थल हैं। यहाँ के बाजार बड़े लुभावने हैं। हर तरफ रोशनी है, रौनक है। खाने के शौकीन लोगों को हरिद्वार बिलकुल भी निराश नहीं करता, यहाँ स्वादिष्ट पकवानों की खूब सुंदर दुकानें सुबह ही सज जाती हैं।
पूजा की सामग्री व हिंदू धार्मिक किताबों की भी बहुत सी दुकानें हैं। भारत के हर प्रांत के लोग यहाँ आते हैं और गंगाजी के पवित्र जल को बोलतों में भरकर अपने साथ ले जाते हैं, गंगा घाट व बाजारों में रंग-बिरंगी बोतलों से सजी दुकानें देखी जा सकती हैं! दूर-दराज से आए यात्री गंगा के पावन जल में स्नान कर के अपनी सारी थकान भूल जाते हैं और हर-हर गंगे के जाप करते हुए इस नगरी के मनमोहक दृश्यों को अपने मन में समेट लेते हैं। सायं काल की आरती का दृश्य बड़ा ही मनोरम होता है। श्रद्धालु आरती देखने के लिए गंगा घाट पर बनी सीढि़यों पर बैठ जाते हैं। गंगा जल में दिखती आरती की अग्नि की ज्वालाएँ यों लगती हैं, जैसे सैंकड़ों दीपक गंगा जल में डुबकियाँ लगा रहे हों।
उत्तराखंड के मनोहारी और मोक्षदायक माने जानेवाले श्रद्धा के केंद्र हैं तथा यात्रा के दौरान कई मनोहारी दृश्य वाटरफॉल, ऊँचे-ऊँचे पहाड़, गहरी नदियाँ आदि आपकी इस यात्रा को आकर्षक बनाते हैं। पर्यटक अपने बजट के हिसाब से ठहरने के स्थान का चयन कर सकते हैं। धर्मशाला, बाबा कमली मंदिर समिति के आवास स्थान भी उपलब्ध हैं। यह एक विशिष्ट धार्मिक स्थल होने के कारण यहाँ शाकाहारी भोजन ही मिलता है।
वैसे तो हरिद्वार में श्रद्धालु हर मौसम, हर महीने में आते है पर गरमियों की छुट्टियों में, सावन के महीने में कुंभ के मेले के दौरान यहाँ काफी भीड़ रहती हरिद्वार देश के सभी मुख्य शहरों द्वारा रेल और बस द्वारा जुड़ा हुआ है। सबसे नजदीक हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून है। हरिद्वार में रहने के उचित प्रबंध है। अनेक धर्मशाला, लॉञ्ज व होटल हैं, जिनमें आराम से रहा जा सकता है। यात्री अपने खर्चे के अनुसार जगह ढूँढ़ सकते हैं। हर की पौड़ी पर महिलाओं के लिए अलग घाट बना हुआ है। यह एक निशुल्क घाट है, जिसका रख-रखाव गंगा सभा की ओर से किया जाता है। मनसा देवी व चंडी देवी जाने के लिए उड़नखटोला एक अच्छा मार्ग है। मनसा देवी मंदिर के उड़नखटोला की टिकट लेते समय चंडी देवी में टिकट की कतार में लगने से बचने के लिए मनसा देवी, चंडी देवी व मनसा देवी से चंडी देवी तक जाने की ट्रांसपोर्ट की सयुंक्त टिकट लें। मनसा देवी मंदिर और चंडी देवी मंदिर प्रांगण में खाने-पीने की उचित व्यवस्था है।
Advertisement
Bids
BID Stats : 0 Bids posted on this ad
Let’s Create Your Bid
Only registered user can post offer *
Ad Price